बस चले चल ...
डरते क्यों हो तुम, कोई तुम्हारे पंख कभी काट नहीं सकता।
तुम वह पंछी हो जिसे कभी कोई रोक नहीं सकता।
बस इसी बात पर विश्वास रखते हुए जीवन में कोई भी कठिनाई आ जाए तुम बस आगे बढ़ते चलो- आगे बढ़ते चलो ,
रुको मत सबस चलते -चलो, बस चलते -चलो।
मंजिल जैसी कोई चीज नहीं होती, इसलिए जब मौत आ जाएगी तो अपने आप ही रुक जाओगे
निर्भय निडर, जीवन की हर चुनौती का डटकर सामना करते हुए I
सत्य की तलवार से हर बुराई को काटते हुए, तुम बस चलते चलो।I
रुकना तुम्हारा धर्म नहीं, अनिश्चित की परवाह करना तुम्हारा कर्म नहीं।
जो है, वह बस यही आज है, बस यही सोच कर तुम श्रेष्ठ से भी श्रेष्ठ कर्म करते चलो।
मन में यह बात रखो तुम्हारे पंख कोई काट नहीं सकता
इसलिए तुम बस उड़ते चलो
पहुंचो उस ऊंचाई तक जहां आज तक कोई पहुंचा नहीं।
कहते हैं कि समय सबसे बलवान होता है। too मुट्ठी अपनी बांध, इस समय पर लात धरकर,
इस समय को भी अपने वश में करते चलो।।
रुकना नहीं है तुमको। बस चलते- चलो , चलते-चलो।
गलत नहीं करूंगा मैं अन्याय नहीं सहूंगा
जब न्याय की हो बात तो अन्याय से लड़ते चलो।
,रुको नहीं! तुम बस चलते चलो
धूप कड़ी है तो क्या, पुरुषत्व तेरा कमजोर नहीं,
झांक के देख अपने भीतर, इतना साहस है तुझमें, सूरज को भी निकल सकता है तू।
पंख तेरे कमजोर नहीं, इस धूप में भी उड़ सकता है तू
आसमा को चीरकर नई ऊंचाई छू सकता है तू।।
बस रुकना नहीं थकना नहीं तुम बस चलते चलो……
बस तेरा कर्मो पर है किस्मत का तुझे पता नहीं है
कौन सी वह बुलंदी जिसको मैं छू सकता नहीं
भारत……
Awesome one .... ☺️
ReplyDeleteNirantar gatisheel jiwan hai...bhav poorna shabdavali.
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