Tuesday, June 4, 2019

hello,Mr. kejriwal





इन दोनों फोटो को देखकर आप तीसरी फोटो से तुलना करके यह आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि मैं किस विषय में आपका ध्यान खींचना चाह रहा हूं! जी हां दोस्तों अभी कुछ दिनों पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह घोषणा की है कि, दिल्ली में सरकारी पब्लिक यातायात के साधन [दिल्ली मेट्रो और दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की बसों] में महिलाओं को किराया नहीं देना होगा। वे इन बसों में दिल्ली के अंदर या एनसीआर में कहीं भी फ्री में यात्रा कर सकेंगी। क्या आपको यह नहीं लगता कि यह निर्णय महिला और पुरुष के बीच मतभेद और विरोध पैदा करने वाला होगा।

सिर्फ वोट के लिए ऐसे ओछी राजनीतिक भावना से प्रेरित फैसले कितने सही हैं? मेट्रो में जितनी महिलाएं सफर करती हैं लगभग 80% महिलाएं ऐसे वर्ग से संबंध रखती हैं जो मेट्रो का खर्चा बड़ी ही आसानी से उठा सकती है. ज्यादातर महिलाये किसी बड़ी कंपनी में काम करती है या किसी मोटी फीस वाले इंस्टिट्यूट पढाई करती है या फिर बस घूमते हुए फिजूल खर्चे करती है। फिर ऐसी महिलाओं को छूट देने का क्या औचित्य हमारी राजनीतिक पार्टियां इस प्रकार की मानसिकता से कब बाहर आएंगे सब्सिडी तो केबल बहुत ही जरूरतमंद लोगों के लिए होनी चाहिए और सब्सिडी का सिद्धांत तो यह है कि इसे धीरे-धीरे कम करते रहना चाहिए। क्या वह मजदूर जो दिन भर काम करता है, उसके पास ढंग के पहनने के लिए कपड़े भी नहीं है, उसे छूट की आवश्यकता नहीं है। उसके बच्चे जो सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं, कपड़ों के नाम पर उनके पास सिर्फ सरकार द्वारा मिलने वाली सरकारी ड्रेस ही होती है ,वह टूटे-फूटे घर में रहता है उसकी पत्नी के पास घर चलाने के लिए अपने बच्चों को खिलाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। क्या इसे छूट की आवश्यकता नहीं है।
दोस्तों मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं की सरकार द्वारा आर्थिक समर्थन की जितनी भी नीतियां हो वह सिर्फ गरीब तबके के लिए होनी चाहिए। जो व्यक्ति सक्षम है उसको इस प्रकार की छूट देना बिल्कुल भी उचित नहीं है। भारतीय संविधान सिर्फ व्यक्ति की बात करता है वह महिला और पुरुष के भेद को नहीं समझता लेकिन राजनेता इस भेद को स्थापित करने में लगातार लगे हुए हैं. जैसा उन्होंने जाति और धर्म और क्षेत्र के नाम पर हमें आपस में अलग अलग कर दिया है। इस प्रकार के अनुचित निर्णय के लिए कोर्ट को स्वयं संज्ञान लेते हुए इसे निरस्त किया जाए यही उचित होगा एवं सरकारें इस प्रकार के एक तरफा भेद कारी निर्णय से बचे ,ऐसा निर्देश भी कोर्ट को ,केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हो को स्पष्ट रूप से देना चाहकि।

भारत ....

No comments:

Post a Comment

चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग

चंदा मामा दूर के नहीं अब चंदा मामा टूर के हो गए हैं बड़ा ही भावुक समय था चंद्रयान को चंद्रमा की धरती पर लैंड करते हुए देखना, पहल...