चंदा मामा दूर के नहीं अब चंदा मामा टूर के हो गए हैं
बड़ा ही भावुक समय था चंद्रयान को चंद्रमा की धरती पर लैंड करते हुए देखना, पहले 3 किलोमीटर फिर 2 किलोमीटर फिर 1 किलोमीटर फिर 800 मी जब लैंडिंग मॉडल से इसका एक और पार्ट अलग हुआ । जैसे-जैसे चंद्रमा का विक्रम कैलेंडर चंद्रमा की धरती करीब जा रहा था वैसे-वैसे सांसे बढ़ती जा रही थी मन में डर तो था लेकिन विश्वास इस बार ज्यादा था । कि हम सफलतापूर्वक चंद्रमा की धरती पर लैंड करेंगे, और ऐसा ही हुआ हमने बहुत ही आसानी से चंद्रमा की धरती पर लैंड कर लिया है, किसी भी अन्य ग्रहों की धरती पर लैंड करना सबसे कठिन चरण होता है क्योंकि उस समय लेंडर पर कंट्रोल सेंटर का नियंत्रण नहीं रहता है बल्कि वह स्वतः ही लैंडिंग के लिए पूरी प्रक्रिया और स्थान निश्चित करता है। चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले हम चौथा देश बन गए हैं और चंद्रमा के साउथ पोल पर जाने वाले हम मात्र इकलौते देश हैं । यह भारत देश के लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि है, यह वह पल वह कार्य है जिसे हम सब भारतीयों को बहुत गौरवान्वित महसूस कराया है, इसरो को बहुत-बहुत धन्यवाद हमें यह खुशी देने के लिए ।
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