जिम्मेवार कौन
सूरत के तक्षशिला कोचिंग इंस्टीट्यूट में लगी आग के कारण 21 बच्चों की मौत हो गई। जिनके जीवन की अभी शुरुआत भी नहीं हुई थी उनका जीवन खत्म हो गया। जिनके बहुत सारे सपने थे, अपने लिए, अपने परिवार के लिए, अपने माता पिता के लिए, अपने देश के विकास के लिए, निश्चित ही यह सारे बच्चे देश की अग्रणी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते, लेकिन उससे पहले ही काल उनको ऑग के रूप में आकर निगल गया। इसका जिम्मेदार कौन ?
अगर यह बच्चे इस कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन ना लेते, यहां पढ़ने न आते या आज के दिन, जिस दिन यहां पर आग लगी इस दिन यह कोचिंग इंस्टीट्यूट में ना आते। कुछ नहीं तो शॉर्ट सर्किट होने के कुछ देर पहले यहां से चले जाते तो यह बच्चे बच जाते। शायद इनके बचने का यही एकमात्र तरीका था। क्योंकि शॉर्ट सर्किट से आग सबसे निचले तल में 3:30 pm को लगी थी और उसके थोड़ी देर बाद ही फायर ब्रिगेड व अन्य इमरजेंसी सेवाओं को इस आग लगने की जानकारी दे दी गई थी। किसी ने आने की जहमत नहीं उठाई। लेट लतीफ आये भी तो मूक दर्शक बने रहे। यह बच्चे जिस कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ रहे थे वह इस बिजनेस कंपलेक्स के चौथी मंजिल पर था इस कॉप्लेक्स के मालिक ने बिना अनुमति के चौथे मंजिल का निर्माण भी कर दिया, मतलब यह है कि इन बच्चों को मारने का षड्यंत्र तो सालों पहले ही प्रारंभ हो गया था। जब इस कांप्लेक्स का निर्माण हुआ एवं बिल्डिंग के मालिक ने अवैध रूप से चौथी मंजिल निर्माण करने का सोचा और शहरी प्रशासन में भी कोई जहमत नहीं उठाई कि शहर में होने वाले अवैध निर्माण को रोका जाए चाहे इसके दुष्परिणाम कुछ भी हो, चाहे भविष्य में कभी बीसो बच्चे जलकर मर ही क्यों न जाए। निश्चित ही इतने सबसे बड़े दोषी तो वह बच्चे ही है जो अपने आप को बचा नहीं सके। वो अपना निकट का भविष्य नहीं देख सके, प्रशासन को क्या करना वह तो दसों हाथ दसों दिशाओं में फैलाइए हुए है। अगर इन बच्चों के पास कोई टाइम मशीन होती तो निश्चित भविष्य देखकर यह अपने आप को जरूर बचा लेते।
sarcasm by bharat
sarcasm by bharat
No comments:
Post a Comment