Sunday, December 1, 2019

जीवन है यह!




जीवन है यह!

It's life...

 कहां किसी की सुनता है 

अपनी मर्जी से चलता है।

एक छोटी सी सीमा में, अनिश्चित बना रहता है, 

 यह,,,,हम सब को ढगता रहता है।


जीवन है यह, उपहार नहीं । 

सिर पर कांटों का ताज बना, 

सिर पर चुभता रहता है।।


 मौन है यह, निशब्द नहीं 

शब्दों का ताना-बाना बुनता है

 कुछ कहता हूं कुछ सुनता है

 कुछ कहता है कुछ करता है 

नहीं किसी की सुनता है 

जीवन है यह, अपनी मर्जी से चलता है।।


 है हुए बहुत से वीर तो क्या,

 मेरी सीमा से कोई परे नहीं।

 अंतिम निर्णय मेरा ही होगा

हम से कोई बचे नहीं।। 


You can add more... 


Subhash.. 

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