Sunday, January 26, 2020

हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं

आज हम भारत का 71 वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं गणतंत्र दिवस मुख्य रूप से भारत के संविधान का निर्माण एवं उसे लागू करने का त्यौहार है। आज के दिन ही 26 जनवरी 1950 को हमने अपने संविधान का निर्माण करने के बाद स्वयं को एवं सभी देशवासियों को इस संविधान को समर्पित किया था अर्थात आज से ही संपूर्ण भारतवर्ष में भारत का संविधान लागू हुआ था। तब से ही हर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में किसी राष्ट्र प्रमुख हो बुलाने की परंपरा रही है इस बार ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो हमारे गणतंत्र दिवस समारोह के प्रमुख मेहमान है।

गणतंत्र दिवस सिर्फ एक त्यौहार नहीं है बल्कि यह संविधान के सभी मूल्यों के प्रति सच्ची श्रद्धा प्रस्तुत करने का दिन है। यह दिन है संविधान के सभी मानकों का संवैधानिक नियम के अनुरूप ही संपूर्ण देश में पालन हो इसे सुनिश्चित करने का। यह दिन है संपूर्ण देश को एकता के एक धागे में पिरोने का।
गणतंत्र काा शाब्दिक अर्थ होताा है एक ऐसा राष्ट्र जिसमें राष्ट्रपति या देश का सर्वोच्च नेता जनता के द्वारा चुना जाता है जैसे भारत में सबसे सर्वोच्च पद राष्ट्रपतिि का का होता है जो अप्रत्यक्ष रूप से जनता के द्वारा चुना जाता है जबकि ब्रिटेन मैं वहांं का सर्वोच्च पद ब्रिटेन की महारानी या महाराज कााा होता  हैं जोकि वंश  के आधार पर निश्चित कििया हुआ है । इसलिए ब्रिटेन एक लोकतंत्रर तो है लेकिन गणतंत्र नहींं है।

Monday, January 20, 2020

ब्यावरा की घटना का दोषी कौन, समझे धारा 144 को

दिनांक 19 जनवरी 2020को बीजेपी के समर्थन से राजगढ़ के ब्यावरा तहसील में केंद्र सरकार द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA के समर्थन में एक शांतिपूर्ण झंडा रैली का आयोजन किया जाना था जिसके लिए काफी दिनों पहले ही प्रशासन के सम्मुख अनुमति हेतु आवेदन दिया जा चुका था। सब कुछ सही था लेकिन अंततः दिनांक 18 जनवरी 2020कि शाम को राजगढ़ कलेक्टर सुश्री निधि निवेदिता के द्वारा ब्यावरा समेत संपूर्ण जिले में धारा 144 लगा दी गई। बावजूद इसके 19 जनवरी के दिन कार्यकर्ताओं द्वारा शांतिपूर्ण रूप से तिरंगा झंडा रैली का आयोजन करना सुनिश्चित किया गया। संपूर्ण ब्यावरा तहसील में लगभग 600 पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए ताकि किसी प्रकार की हिंसा को होने से पहले ही रोका जा सके।
दिन के लगभग 11:30 बजे लोग इकट्ठे होने लगे ब्यावरा के अंदर आने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया था ताकि धारा 144 के चलते लोगों को बड़ी संख्या में इकट्ठा होने से रोका जा सके। आखिरकार प्रदर्शन के दौरान प्रशासन के अधिकारियों एवं प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो ही गई। जिसमें जिला कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर के द्वारा प्रदर्शनकारियों को थप्पड़ मारने एवं झंडे छीनने की वजह से लोग और भड़क गए।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना इस देश के हर नागरिक को भारतीय संविधान के आर्टिकल 19 के द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार है। जब तक अति आवश्यक गांव से छीना नहीं जा सकता।
वही सीआरपीसी की धारा 144 यह प्रावधान करती है जहां कलेक्टर या कार्यपालिका अधिकारी को यह प्रतीत होता है कि लोक व्यवस्था एवं लोग शांति को खतरा है तो इन परिस्थितियों में धारा 144 के आदेश जारी किए जा सकते हैं। एवं लोगों को किसी खास प्रकार की गतिविधि से अलग रहने के लिए निर्देश किए जा सकते हैं।
यहां भी इस झंडा रैली को रोकने के प्रयास से धारा 144 लागू की गई थी लेकिन प्रश्न यह उठता है क्या वास्तव में इतनी गंभीर स्थिति थी कि धारा 144 लागू की जाए।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई निर्णय में यह कहा गया है कि धारा 144 का प्रयोग सिर्फ गंभीर एवं विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए या किसी खतरे की स्थिति को रोकने के लिए ही इसका प्रयोग किया जाना चाहिए
धारा 144 का प्रयोग विधिक विचार की अभिव्यक्ति को शांतिपूर्ण आयोजन को रोकने के उद्देश्य से नहीं किया जाना चाहिए।
धारा 144 का प्रयोग बहुत ही सोच समझकर किया जाना चाहिए जिससे कि लोगों के अधिकारों को अनावश्यक रूप से दबाया ना जा सके
जब धारा 144 लगाई जाती है तो मजिस्ट्रेट का यह कर्तव्य होता है कि वह लोगों के अधिकारों और उस पर प्रतिबंध के बीच उचित सामंजस्य स्थापित करें उसके हिसाब से अग्रिम प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करें। 
 बार-बार धारा 144 लगाना प्रदत्त शक्तियों का दुरुपयोग माना जाएगा।
धारा 144 को सुप्रीम कोर्ट में या हाई कोर्ट में कभी भी चुनौती दी जा सकती है साथ ही धारा 144 के भी परिस्थितियों में एक बार में 2 महीने से ज्यादा समय के लिए नहीं लगाई जा सकती

ब्यावरा के घटनाक्रम में ऐसी कोई परिस्थिति नहीं थी की धारा 144 लगाई जाए प्रशासन से अनुमति प्राप्त करके तिरंगे झंडे के तले एक शांतिपूर्ण मार्च प्रस्तावित था ऐसे में धारा 144 को लगाने का कोई औचित्य नहीं था।

Monday, January 13, 2020

who killed 176 passengers of Ukrainian flight

On Wednesday 8 January 2020 Boeing 737 800 took off from Iran International airport to Kiev. That aeroplane had 176 on board member including crew.soon after the take off , it was shot down by missile released by the Iranian air defence system near about 6 a.m . And 17 away from the tirana International airport.

All this pitamah started when mejor general  of Iran ,quasim sulemani was killed by USA on third of the Jan 2020 Buy drone strike in Iraq Baghdad. In the revenge, Iran has done several air strike on the diplomatic centres of the USA in Iran and in Iraq. Since then for the safety purpose the air defence system of the Iran was activated. And when this Ukrainian flight was took off the air defence system of the Iran detected the sharp turning of  the plane and automatically it released two Tor missile which is is developed by the Russia. This attack was done under The servilance of Islamic revolutionary Gourd cops IRGC -army of Iran.

The most important question is who killed all those 176 innocent people?

All this happened only due to vision less action of the USA President Donald Trump. Who is unnecessarly  trying to make a fake unsafe condition for the USA and for the people of the USA. He has nothing to do with the matters of the middle East countries then why he is involving in the  matter of the middle East countries. All International leader must have to find any diplomatic solution for any problem. If major general qasim sulemani of Iran was any kind of the threat to the USA they must have raised this issue internationally. They must have raised this issue with Iran instead of killing him. So the very first accused of the killing of these 176 innocent people is USA or Donald Trump.
we have to keep ourselves very safe from such kind of the repeated actions because earlier in 2014 a plain of Malaysian airline was shot by Russia which was taken off from Malaysia.
Vision less leadership cannot be accepted by any human in the earth. All these vision less people are making this world a hell. If today there is thread to the common people the only reason is the individual greet of the leaders and countries. All these leaders have to think for the development of the world, happy thing about the common issues of the world and to fix them instead of doing such kind of the in humanitarian  activities.

चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग

चंदा मामा दूर के नहीं अब चंदा मामा टूर के हो गए हैं बड़ा ही भावुक समय था चंद्रयान को चंद्रमा की धरती पर लैंड करते हुए देखना, पहल...